
Amalaki Ekadashi 2022 – करे ये उपाय नही होगी धन की कमी :-
एकादशी व्रत हिंदू धर्म के अनुसार एकादशी व्रत को सभी व्रतों में श्रेष्ठ माना गया है. 14 मार्च को आमलकी एकादशी है. आमलकी एकादशी पर भगवान श्री हरि विष्णु की अराधना की जाती है. मान्यता है कि इस दिन विष्णु भगवान की पूरी श्रद्धा और विधि-विधान से पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और अंत में दुर्लभ मोक्ष की प्राप्ति होती है. आमलकी एकादशी होली के त्योहार के पहले आती है आमलकी एकादशी का व्रत सभी व्रतों में विशेष माना गया है. यह एकादशी आंवले के महत्व को बताती है. सेहत के लिए आंवले को बहुत ही गुणकारी माना गया है.
आमलकी एकादशी उपाय
👉आमलकी एकादशी के दिन श्री हरि विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन घर में आवंले का वृक्ष लगाने से हर कार्य में तरक्की मिलती है। साथ ही धन-संपत्ति की भी प्राप्ति होती है।
👉 धार्मिक मान्यताओं के अनुसार आमलकी एकादशी के दिन आंवले का विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान विष्णु को आंवला जरूर अर्पित करना चाहिए। साथ ही स्वंय भी ग्रहण करना शुभ माना गया है। ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
👉 आमलकी एकादशी के दिन इस दिन 21 ताजे पीले फूलों की माला भगवान विष्णु को अर्पित करनी चाहिए। साथ ही इस दिन भगवान को खोए से बनी मिठाई का भोग लगाएं। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और उनके जीवन में हर कार्य में सफलता मिलती है।
आमलकी एकादशी व्रत के नियम
एकादशी के दिन उपवास के नियमों का भक्त कड़ाई से पालन करते हैं. इस व्रत में अगले दिन सूर्योदय के बाद ही उपवास का पारण करते हैं. एकादशी व्रत के दौरान अनाज का सेवन वर्जित होता है.
आमलकी एकादशी (Amalaki Ekadashi 2022) के व्रत का सम्वन्ध तीन दिनों की दिनचर्या से है. भक्त उपवास के दिन, से एक दिन पहले दोपहर में भोजन लेने के बाद शाम का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले दिन पेट में कोई अवशिष्ट न बचा रहे.
एकादशी के दिन विष्णुसहस्रनाम का पाठ करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा मिलती है.
जो लोग किसी कारण एकादशी व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें एकादशी के दिन भोजन में चावल का प्रयोग नहीं करना चाहिए.
झूठ एवं परनिंदा से बचना चाहिए.
