आज चैत्र अमावस्या पर बने रहे हैं ये 4 योग, करें कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय :-

इस साल चैत्र अमावस्या की तिथि 31 मार्च दिन गुरुवार को दोपहर 12 बजकर 22 मिनट से शुरु हो रही है, इस तिथि का समापन अगले दिन 01 अप्रैल को दिन में 11 बजकर 53 मिनट पर हो रहा है. अमावस्या का स्नान दान सूर्योदय के समय से होता है, ऐसे में चैत्र अमावस्या का स्नान एवं उपाय 01 अप्रैल को होगा. चैत्र अमावस्या के दिन नदियों में स्नान के बाद दान करने की परंपरा है. उस दौरान पितरों को प्रसन्न करने के लिए तर्पण, पिंडदान आदि करते हैं. इससे पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. पितर जब खुश होते हैं, तो सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. अमावस्या को कुंडली में व्याप्त कालसर्प दोष से मुक्ति के उपाय किए जाते हैं.
अमावस्या पर कालसर्प दोष मुक्ति के उपाय
▪️चैत्र अमावस्या के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए सबसे आसान उपाय है, भगवान शिव की पूजा करना. इस दिन आप किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करें. पूजा के समय मिश्री एवं दूध जरूर अर्पित करें. शिव कृपा से सभी दोष दूर होते हैं.
▪️अमावस्या वाले दिन नदी में स्नान करते हैं, उसके पश्चात चांदी के बने नाग और नागिन की पूजा करते हैं. उनसे कालसर्प दोष से मुक्ति की प्रार्थना करते हैं. फिर उस नाग और नागिन को बहते जल में प्रवाहित कर देते हैं.
▪️यदि आप प्रत्येक दिन शिव तांडव स्तोत्र का पाठ करते हैं, तो कालसर्प दोष से मुक्ति मिल सकती है.
▪️कालसर्प दोष से मुक्ति के लिए राहु की पूजा की जाती है. आप किसी शिव मंदिर में राहु की पूजा करा सकते हैं.
चैत्र अमावस्या पूजा विधि-
इस दिन सुबह जल्दी उठकर पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। अगर घर पर स्नान कर रहे हैं तो नहाने का पानी में गंगाजल मिला कर स्नान करना चाहिए। स्नान के बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद अनाज, वस्त्र, आंवला, कंबल व घी आदि का दान करना चाहिए।
गाय को हरा चारा खिलाना चाहिए। पितरों का तर्पण करना चाहिए।
