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कल चैत्र अमावस्या में करे ये सरल उपाय सभी दुखो से मिलेगी मुक्ति :-

चैत्र मास की अमावस्या तिथि का विशेष महत्व है। इस बार यह शुभ तिथि 31 मार्च दिन गुरुवार को है। इस खास तिथि पर धार्मिक कार्य, पूजा, जप-तप, पितृ तर्पण व नदी स्नान आदि क्रियाएं की जाती है। इन शुभ योग में चैत्र अमावस्या का होना बहुत शुभ माना जा रहा है। शास्त्रों में बताया गया है कि इस शुभ योग के बीच चैत्र अमावस्या के दिन कुछ खास उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है और धन संबंधित समस्याओं का भी अंत होता है। अमावस्या तिथि पर पितरों का तर्पण किया जाता है, इसलिए इस दिन खास उपाय करने से पितरों को भी प्रसन्न कर सकते हैं।

चैत्र अमावस्या में करे ये उपाय :-

▪️जीवन में कोई न कोई परेशानी लगी रहती है तो चैत्र अमावस्या के दिन एक तांबे का पात्र लें और फिर उसे साफ जल से भरकर लाल चंदन मिला लें। इसके बाद जल से भरे हुए तांबे के पात्र को रात में सिरहाने रखकर सो जाएं। अगले दिन जल को सुबह स्नान करने के बाद तुलसी के पौधे में डाल दें। ऐसा करने से आपको जीवन के सभी क्षेत्रों में चल रही परेशानियों से मुक्ति मिलेगी। ऐसा आप चैत्र अमावस्या से शुरू करें और 21 दिन तक करते रहें।

▪️अमावस्या के दिन अगर आप किसी कार्य की वजह से घर से बाहर जा रहे हैं तो अपने साथ एक नींबू लें और उस पर चार लौंग गाड़ दें। इसके बाद 21 बार ॐ श्री हनुमते नम: का जप करें और ईश्वर से काम की सफलता का आशीर्वाद मांगे। इस विधि से पूजा करने के बाद लौंग लगे नींबू को अपने साथ लाल कपड़े में बांधकर ले जाएं। ऐसा करने से आपका काम निश्चित पूरा हो जाएगा।

▪️अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी को प्रसन्न के लिए शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के देसी घी का दीपक जलाएं। ध्यान रखें कि बत्ती में लाल रंग के धागे का प्रयोग करें, ना कि रुई का। साथ ही दीपक जलाने के बाद उसमें थोड़ी सी केसर भी डाल दें। ऐसा करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है

▪️रोजगार की तलाश करने वालों के लिए चैत्र अमावस्या के दिन यह उपाय काफी लाभकारी सिद्ध होगा। इस तिथि पर आप एक नींबू लें और फिर उसे घर के पूजा स्थल पर रख दें। इसके बाद रात को रोजगार की तलाश करने वाले के ऊपर से सात बार सिर से उतार लें। ऐसा करने के बाद नींबू के चार हिस्से कर दें और फिर उन चारों हिस्सों को चौराहे पर जाकर चारों दिशाओं में फेंक दें।

▪️अमावस्या के दिन नदी में स्नान करें या फिर घर में स्नान के जल में गंगाजल मिला लें। इसके बाद पितरों को तर्पण करें और पिंडदान करें। अमावस्या तिथि पर पितरों को याद करते हुए ब्राह्मण भोज कराएं। भोज कराने से पहले एक हिस्सा गाय, दूसरा, कौआ को जरूर खिलाएं। अंत में सभी को प्रणाम करें हाथ जोड़कर गलती की माफी मांगें। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-समृद्धि वापस आती है।

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