
10 मई वैशाख की नवमी तिथि पर करे “पीपल के पत्ते और चंदन का महाउपाय ” – pandit pradeep ji mishra upay
पंडित प्रदीप जी मिश्रा द्वारा अपनी कथा के दौरान एक विशेष उपाय बताया जो इस प्रकार है – आपको एक पीला चंदन घिस लेना है इसके बाद उस चंदन को पीपल के कोमल पत्ते में ले लेना है कोमल का मतलब एक कड़क पता होता है और एक कोमल पता होता है जो नया पता होता है वह कोमल होता है उस कोमल पत्ते को लेना है अब उसमें चंदन को उस पत्ते पर रखिए अब इस चंदन और पीपल के पत्ते को लेकर उस समय मंदिर में जाए जब सभी पूजा करके चले जाते हैं मध्यान का समय होता है जब मंदिर में कोई नहीं होना चाहिए आप अकेले हो तब जाइए अब आपको शिवलिंग पर कटीय भाग (शिवलिंग के नीचे का भाग ) पर इस पीले चंदन से अपने उंगलियों का का उपयोग करके लेपन करना है अच्छे से पूरे चंदन का लेपन कर दीजिए इसके बाद कटीय भाग के चंदन को वापस प्राप्त करके अशोक सुंदरी माता के स्थान पर लगा देना है अब माता अशोक सुंदरी की जगह पर चंदन को थोड़ी देर तक लगा रहने दीजिए इसके बाद इस चंदन को वापस अपने उसी पीपल के पत्ते पर प्राप्त कर लीजिए मतलब माता अशोक सुंदरी की जगह से चंदन को पीपल के पत्ते में प्राप्त कर लेना है इसके बाद शिवलिंग पर जल अर्पित कर दीजिए बस इतना ही करना है जिसके नेत्र ज्योति कमजोर हो श्रवण शक्ति कमजोर हो या अन्य कोई बीमारी हो उन्हें यह महा उपाय करना है इस पत्ते और चंदन को घर ले आओ और सूखने के बाद आप कंठ से थोडी तक उंगलियों का उपयोग करके इस चंदन को लगाना है नेत्रों के नीचे या फिर पलक में भी चंदन लगा दो लगभग 20 दिन तक उपाय करना है फिर 20-22 दिन के बाद आपको पता चल जाएगा की बीमारी ठीक होने लगी है 22 दिन बाद डॉक्टर को दिखाएगा आराम जरूर होना शुरू हो जाएगा पर उपाय आपको पूरे विश्वास और श्रद्धा के साथ करना पड़ेगा ।
