नवरात्र

नवरात्रि का अंतिम दिन , जानिए कैसे करनी है मां की पूजा तथा कब होगा व्रत का पारण :-

चैत्र नवरात्रि 11अप्रैल को अंतिम दिन है और इस दिन मां दुर्गा के नौवें रूप मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। मां सिद्धिदात्री की पूजा करने से सभी कार्य सिद्धि होते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है कहते हैं आज के दिन मां की उपासना पूरे विधि विधान से करने पर व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मान्यता तो ये भी है की मां की पूरे विधि विधान से पूजा करने से सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं। सिद्धियों की प्राप्ति के लिए देव, गंदर्भ, ऋषि, असुर सभी इनकी पूजा करते हैं। आइए जानते हैं नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना कैसे की जाती है।

मां सिद्धिदात्री की पूजा विधि

इस दिन मां की पूजा अर्चना करने के लिए विशेष हवन किया जाता है। यह नवरात्रि का आखिरी दिन है तो इस दिन मां की पूजा अर्चना करने के बाद अन्य देवताओं की भी पूजा की जाती है। इस दिन भी बाकी दिनों की तरह सबसे पहले लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर मां की मूर्ति रखकर आरती और हवन करें। हवन करते वक्त सभी देवी देवताओं के नाम से आहुति दें। इसके बाद मां के नाम से आहुति दें। बता दें की दुर्गा सप्तशती के सभी श्लोक के साथ मां की आहुति दी जाती है। देवी ते बीज मंत्र “ऊँ ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे नमो नम: का 108 बार जप करके आहुति दें। अंत में आरती करें।

नवरात्रि में मां की सवारी का भी विशेष महत्व बताया गया है. इससे वर्ष की स्थिति का भी अंदाजा लगाया जाता है. इस बार नवरात्रि पर मां दुर्गा की आगमन सवारी घोड़ा थी.लेकिन मां का गमन महिष यानि भैंस की सवारी से हो रहा है. शास्त्रों के अनुसार जब मां भैंस पर सवार होकर विदा लेती हैं तो रोग और रोगियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होती है. इसके साथ शोक, दुखों में भी वृद्धि होगी.

नवरात्रि का पारण

पंचांग के अनुसार 11 अप्रैल 2022, सोमवार को नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा. इसीदिन कलश विसर्जन किया जाएगा. नवरात्रि व्रत का पारण विधि पूवर्क करना चाहिए. नहीं तो इस व्रत का पूर्ण लाभ प्राप्त नहीं होता है. मान्यता के अनुसार चैत्र नवरात्रि का पारणा चैत्र शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को किया जाता है. पारणा मुहूर्त को लेकर मतभेद भी दिखाई देते हैं, लेकिन मिमांस के अनुसार व्रत का पारण दशमी को करना चाहिए, क्योंकि कई शास्त्रों में नवमी पर उपवास रखने की बात कही गई है. इसलिए 11 अप्रैल को नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा. पंचांग के अनुसार प्रात: 6 बजे के बाद पारण किया जा सकता है

कलश विसर्जन

नवरात्रि में कलश विसर्जन का भी विशेष महत्व बताया गया है. 11 अप्रैल 2022 को कलश विसर्जन किया जाएगा. इस बात का ध्यान रखें कि पूजा और विसर्जन के बाद भोजन, उपहार, वस्त्र, दान-दक्षिणा आदि भी अपनी इच्छानुसार देना शुभ माना गया है.

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