उपाय

पित्तर दोष निवारण के उपाय – पंडित प्रदीप जी मिश्रा :-

पित्र दोष के लक्षण:

  1. यदि एक रूपया कमाया और गवाया और रखा हुआ धन भी खर्च हो तो समझो पित्र दोष है ।
  2. जमीन-जायदाद से परिवार को ही सुख नही मिल पाता है या नही मिल पा रहा हा तो समझो पित्र दोष हैं।
  3. हमारे घर-परिवार के लोगों को एक न एक को कुछ न कुछ बीमारी बनी रहती है. आये दिन डॉक्टर के पास जाना पड़ता है तो पित्र दोष है।
  4. यदि धन संग्रह नही हो रहा तो पित्र दोष है ।

पित्तर दोष निवारण के उपाय :-

ध्यान रहे यह उपाय घर के ही व्यक्ति करें नौकर या
किसी अन्य व्यक्ति से न कराएं।

👉 अपने दरवाजे पर चौदस की तिथी को 21 पीपल के पत्ते की वंदनवार बांधे और अमावस्या को उसे निकालकर पीपल पेड़ के नीचे डालें साथ ही कच्चा दूध भी वंदनवार पर डालकर आऐं मात्र पांच अमावस्या करना है ।

👉 एक नारियल के गोले में से उसे काट कर (पंजेरी) या कोई मिठाई भर लें पूरे घर में व्यापार स्थल पर उसे घुमाकर घर के प्रत्येक व्यक्ति का हाथ लगवा कर उसे पीपल के पेड़ के नीचे खडा करके रखें ऊपर से कच्चा दूध डालें और मिट्टी से दबाकर आएं मात्र दो अमावस्या करें उसी स्थान
पर कच्चा दूध चढ़ायें ।

👉 बड़ के पेड़ के नीचे चावल की 7 डेरी बनाये और उन डेरी का पूजन सफेद फूल, कच्चा दूध चावल, सफेद वस्त्र, गोपी चन्दन से करें उन डेरी को उठाकर जल में विसर्जन करें। मात्र एक बार बुधवार को ही करें ।

👉यदि घर में बहुत ज्यादा तकलीफ हो लक्ष्मी आ नहीं आ रही हो, तो एक ब्राह्मण का जोड़ा उसके बच्चे के साथ ही घर में भोजन करायें और उसके जाने पर घर के बाहर थोड़ा सा चावल फेक दें घर में लक्ष्मी आना। चालू हो जायेगी। यह नवमीं तिथि को करें ।

👉 पित्रों के लिये परिण्डे पर या उसके पास एक घी का दीपक स्वास्तिक बनाकर अवश्य रखें।

👉 अमावस्या को परिण्डे के पास एक कटोरी में चावल और एक कटोरी में कच्चा दूध एवं घी का दीप प्रज्वलित करें, चावल को चिड़िया व दूध को पीपल के वृक्ष में डालें ।

👉 श्राद्ध पक्ष में पितरों की तिथि होती है अमावस्या, दशमी या पंचमी इन तिथि में किसी भी ब्राह्मण को भोजन कराकर दक्षिणा बिना तिलक करें दें।

👉 यदि कोई कार्य नहीं बन रहा तो एक सफेद वस्त्र में 7 मुट्ठी चावल एक-एक लोंग अवश्य रखें और इस कपड़े को 7 रात्रि घर में पित्र पक्ष में रहने दो फिर उस पोटली को किसी भी मंदिर में घर से बिना बोले ले जाकर रखें।

👉 एक पानी का कलश रात्रि को प्रतिदिन परिण्डे के ऊपर भरकर रखे एवं सुबह उस पानी को अपने घर के ओटले पर या दरवाजे के बाहर छीटे दें इससे पितरों को जल मिलता है और पितृ दोष शांत हो जाता हैं।

👉 नमक की सात ढैरी घर के बाहर किसी भी स्थान पर सोमवार को रखे और कुछ समय के बाद पितरों का मंत्र ॐ श्रीश्रीश्री पितृ देवभ्यो नमः बोलकर उस ढैरी पर जल चढ़ा दें। मात्र 3 सोमवार करने पर पितृ दोष
शांत होता हैं।

Source – तर्पण बुक ( पंडित प्रदीप जी मिश्रा )


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