
कल श्रावण शिवरात्रि को इंदौर में पंडित प्रदीप जी मिश्रा जी करेगे रुद्राभिषेक महोत्सव
इंदौर में कथा का आयोजन अन्न पूर्णा रोड स्थित विशाल मैदान पर दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक किया जा रहा है। यहां 2 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है। पहले दिन श्रद्धालुओं ने 11 लाख शिवलिंग बनाए व उनकी पूजा की।
इंदौर में पंडित प्रदीप मिश्रा के द्वारा शिव महापुराण कथा का आयोजन 30 जुलाई तक किया जाएगा। 26 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के दिन लाइव शिव पूजन का आयोजन किया जाएगा। जिसमें देश-विदेश के भक्त ऑनलाइन शामिल हो सकेंगे। कथा में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए हर दिन फलाहार उपलब्ध रहेगा। जिसके लिए अलग से 11 काउंटर बनाए गए हैं। वहीं आयोजन स्थल तक पहुंचने के मार्ग पर ट्रैफिक व्यवस्था भी पुलिस प्रशासन ने की है।
1 हजार से भी अधिक कार्यकर्ता संभालेंगे व्यवस्था
कथा स्थल पर 1 हजार से ज्यादा कार्यकर्ता व्यवस्था संभालते नजर आएंगे। वहीं बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए गार्डन में रुकने के साथ ही खाने-पीने की पूरी व्यवस्था की गई है। वहीं कथा स्थल पर पिछले तीन दिन से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण चल रहा है। श्रद्धालुओं ने लगभग 11 लाख से ज्यादा शिवलिंग का निर्माण किया है।
ऑनलाइन रुद्राभिषेक महोत्सव
पंडित प्रदीप मिश्रा एक दिन पहले ही इंदौर पहुंच गए, आयोजन समिति ने पुलिस प्रशासन के साथ सभी प्रमुख तैयारियां पूरी कर ली हैं। 26 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के दिन लाइव शिव पूजन का आयोजन होगा। इस भव्य आयोजन में देश-विदेश के भक्त ऑनलाइन शामिल हो सकेंगे। श्रद्धालुओं के लिए हर दिन पांडाल के समीप ही फलाहार की व्यवस्था रहेगी। जिसके लिए अलग से कई काउंटर बनाए गए हैं।

पहले दिन की कथा की विशेष बाते
शिव महापुराण कथा संपूर्ण जगत के लिए कल्याणकारी है। बड़े भाग्यशाली हैं अहिल्या की नगरी के निवासी जिन्हें श्रावण मास में महादेव की पावन कथा सुनने का अवसर मिल रहा है। जो भक्त विश्वास के साथ कथा में सात दिन आता है, उसकी हर चिंता को महादेव तीन माह में हर लेते हैं। महादेव भक्ति में दिखावा नहीं विश्वास देखते हैं। हाथ में एक लोटा जल लेकर जितने कदम आप शिव मंदिर की ओर चलते हैं उतने अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है। यह बात कथा वाचक पं. प्रदीप मिश्रा ने रविवार को विशाल नगर मैदान अन्नपूर्णा रोड पर कही। वे श्रावण मास में संस्था लक्ष्य द्वारा आयोजित सात दिनी शिव महापुराण कथा के पहले दिन हजारों की संख्या में मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कथा में कभी भीड़ बढ़ाने के लिए मत जाना। महाभारत काल में पांडव ने यज्ञ किया तो यज्ञ पूर्ण होने के बाद घंटा नहीं बजा। उस समय ऐसी व्यवस्था थी कि यज्ञ सफलता से पूर्ण होने पर घंटा अपने आप बजता था। पांडवों ने पता किया तो पता चला कि उनके यज्ञ की पूर्णाहुति पर आयोजित भंडारे में एक बुजुर्ग ने भोजन नहीं किया, वह भूखा है। भूखे बुजुर्ग को भोजन करने पर यज्ञ पूर्ण हुआ। आजकल बुजुर्ग मां-बाप इंदौर में रहते हैं और बेटा पुणे में तो बेटी बेंगलुरु में है। उनका जीवन पड़ोसियों के भरोसे चलता है।
व्यक्ति की सांस शिव कृपा से चल रही है वरना सांस निकल जाए तो शरीर शव बन जाएगा। महादेव भक्त के भाग्य को पलट देते हैं, जिसके भाग्य में जितना हो वह अवश्य पाता है। इससे पूर्व कथा सुनने आई महिलाओं ने सुबह 9 बजे से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण शुरू किया। पहले दिन 11 लाख पार्थिव शिवलिंग बनाए। इस दौरान पूरा पंडाल हर-हर महादेव के जयकारे से गूंज रहा था। पार्थिव शिवलिंग का विधिे-विधान से पूजन किया जाएगा। आयोजक भरत पटवारी ने बताया कि 26 जुलाई को मास शिवरात्रि पर पूजन किया जाएगा। सुबह 9 से दोपहर 2 बजे तक शिवलिंग बनाए जाएंगे और दोपहर 2 बजे से कथा होगी। कथा के पहले दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालु कथा सुनने पहुंचे।
