
सिहोर में हादसे के बाद कुबेरेश्वर धाम में श्रद्धालुओ के प्रवेश पर रोक , पूरा परिसर करवाया खाली
सीहोर वाले कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा के आश्रम कुबेरेश्वर धाम में बुधवार रात हादसा हो गया। यहां तेज बारिश और हवा से भोजनशाला का शेड गिर गया। हादसे में उमा बाई नाम की महिला की मौत हो गई। जबकि करीब 8 श्रद्धालु घायल हो गए। इनमें दो की हालत गंभीर है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पं. प्रदीप मिश्रा ने कहा कि ये प्राकृतिक आपदा है। अचानक तेज हवा आई, उसकी वजह से टेंट गिर गया। कानून के एक्सपर्ट के मुताबिक आयोजकों के खिलाफ केस दर्ज हो सकता है।
एएसपी गीतेश गर्ग ने बताया कि बुधवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव के चलते हजारों की संख्या में यहां श्रद्धालु मौजूद थे। यहां शिव पुराण कथा भी चल रही है। रात को भोजनशाला का शेड गिर गया। हालांकि वहां बहुत ज्यादा लोग मौजूद नहीं थे। पुलिस और प्रशासन के अफसर भी मौके पर पहुंच गए। घायलों का हालचाल जानने के लिए पंडित प्रदीप मिश्रा भी अस्पताल पहुंचे। विधायक सुदेश राय, कलेक्टर चन्द्रमोहन ठाकुर, एसपी मयंक अवस्थी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे। सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर घायलों को भोपाल रेफर किया गया है।
प्रशासन ने नहीं लिया सबक
इससे पहले भी रुद्राक्ष बांटने को लेकर पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा चल रही थी। उस वक्त भी प्रशासन ने व्यवस्था नहीं की थी। वहां ट्रैफिक जाम हो गया। खुद पंडित प्रदीप मिश्रा को कथा समय से पहले खत्म करनी पड़ी थी। इसके बावजूद बुधवार को भी प्रशासन ने यहां भीड़ काे लेकर कोई व्यवस्था नहीं की।
पत्नी को बचाया, लेकिन खुद दब गए
एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक वह पंडाल में खाना खाने के लिए बैठे थे। उस समय करीब 150 लोग मौजूद थे। तभी पीछे की तरफ से पंडाल गिरता हुआ दिखाई दिया। ये देख वे पंडाल में से बाहर निकलने के लिए भागने लगे। वे बाहर निकलने ही वाले थे, तभी पंडाल उनके ऊपर गिर गया। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी को तो बाहर धक्का देकर बचा लिया, लेकिन वह खुद पंडाल में दबकर घायल हो गए। उन्हें सिर और पैर में चोटें आई हैं। घायलों को जिला अस्पताल ले जाया गया।

आयोजन समिति पर हो सकता है केस
जूनियर लॉयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अपूर्व त्रिवेदी के मुताबिक किसी भी सार्वजनिक या धार्मिक आयोजन के लिए शासन की अनुमति अनिवार्य होता है। इसके साथ ही मेडिकल की व्यवस्था करना भी आयोजन समिति की होती है। अगर ऐसे कार्यक्रम में हादसा होता है, उसमें किसी की मौत हो जाती है, तो आयोजन समिति की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में 304 ए का मामला बनता है।
