
आज सोमवती अमावस्या पर बन रहा अद्भुत संयोग, करे ये दिव्य उपाय बन जायेगे सारे काम
30 मई को ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की अमावस्या और सोमवार का दिन है। सोमवार को पड़ने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जाता है। अमावस्या तिथि 30 मई को शाम 5 बजे तक रहेगी। 30 मई की रात 11 बजकर 38 मिनट तक सुकर्मा योग रहेगा। साथ ही इस दिन सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक कृत्तिका नक्षत्र रहेगा, उसके बाद रोहिणी नक्षत्र लग जायेगा। इसके अलावा आज स्नान-दान-श्राद्धादि की अमावस्या और वट सावित्री व्रत तीसरा और आखरी दिन है।
सोमवती अमावस्या उपाय
▪️यदि आपके घर में कोई सदस्य कुछ दिनों से बीमाप चल रहा है या फिर आप खुद बीमार हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन स्नान आदि के बाद बीमार व्यक्ति के पहने हुए कपड़े से एक धागा निकालें और उस धागे को रूई के साथ लपेटकर उसकी बत्ती बना लें। अब एक मिट्टी के दिये में सरसों का तेल डालकर, वह बाती लगा दें और हनुमान जी के मन्दिर के बाहर वह दीपक जला दें।
▪️अगर आप बेरोजगारी की समस्या से परेशान हैं या आपको लगता है कि आपका कोई सीनियर आपके प्रमोशन में बाधा बन रहा है, तो इस दिन शाम के समय एक नींबू लेकर, उसके चार अलग-अलग टुकड़े कर दें और किसी चौराहे पर जाकर चुपचाप चारों दिशाओं में एक-एक नींबू का टुकड़ा फेंक दें।
▪️अगर आपकी कोई खास इच्छा है, जो बहुत समय से पूरी नहीं हो पा रही है तो एक नारियल लेकर उसे देवी मां का नाम लेकर तोड़ दें। अन्दर से प्राप्त गिरी के 42 टुकड़े करें। 3 टुकड़े भगवान शंकर को चढ़ायें, नौ टुकड़ें छोटी कन्याओं को बांट दें। दो टुकड़े दर्जी को, दो टुकड़े माली को, दो टुकड़े कुम्हार को प्रसाद के रूप में बांट दें और चार टुकड़े अपने लिये रख कर शेष बीस टुकड़े मन्दिर में चढ़ा दें या प्रसाद के रूप में बांट दें।
▪️अपने करियर को एक नई दिशा देने के लिये इस दिन एक पानी वाला नारियल लें और उस पर लाल रंग का धागा सात बार लपेटकर अपने ईष्ट देव का ध्यान करते हुए बहते पानी में प्रवाहित कर दें।
▪️अपने परिवार से सारी परेशानियों को मिटाने के लिये और खुशियों को बरकरार रखने के लिये इस दिन 5 लाल फूल और 5 तेल के दीपक जलाकर बहते पानी में प्रवाहित कर दें । अगर ये उपाय आप शाम को दिन छिपने के बाद करें, तो और भी अच्छा है। बाकी आप अपनी सुविधा के अनुसार कर सकते हैं।
▪️अगर खूब मेहनत के बावजूद भी आपको पैसों के मामले में सफलता प्राप्त नहीं हो रही है, तो इस दिन आपको स्नान आदि के बाद विधि-पूर्वक धूप-दीप आदि से देवी मां की पूजा करनी चाहिए और उसके बाद देवी मां का ध्यान करते हुए चावल से हवन करना चाहिए।
सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष से मुक्ति के लिए करें ये उपाय-
1. पितृ तर्पण व पिंडदान- सोमवती अमावस्या के दिन ही पितरों को जल देने से उन्हें तृप्ति मिलती है महाभारत काल से ही सोमवती अमावस्या पर तीर्थस्थलों पर पिंडदान का विशेष महत्व है।
2. दान- सोमवती अमावस्या के दिन शनि और चंद्र का दान करना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है।
3. नदी स्नान- इस दिन गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। इस दिन हनुमान जी, शनिदेव, भगवान विष्णु और भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करनी चाहिए। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर में थोड़ा गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
4. वट वृक्ष की पूजा- सोमवती अमावस्या के दिन पितृदोष से मुक्ति पाने के लिए बरगद के वृक्ष को जल चढ़ाकर परिक्रमा की जाती है।
5. इन चीजों का करें दान- सोमवती अमावस्या के दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए गरीबों को पानी का घड़ा, ककड़ी, खीरा, छाता आदि का दान करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
