पंडित प्रदीप मिश्रा जी के उपाय(Remedies of Pandit Pradeep Mishra ji)


घर के दरवाजे के बाद नींबू और मिर्ची क्यों लगाई जाती है?
हमारे शास्त्र में वर्णन है कि लक्ष्मी और दरिद्रता देवी इन दोनों देवियों को भगवान विष्णु का वरदान है कि प्रत्येक दिन धरती पर विचरण करने के लिए जाएगी और जिसके घर में मिष्ठान रखा होगा उसके घर में लक्ष्मी मीठा खाने के लिए अंदर प्रवेश कर जाती है और नींबू मिर्च दरवाजे पर इसलिए रखते हैं कि दरिद्रता हमारे घर में प्रवेश न करें और वो दरवाजे से ही चली जाये।
जिसके घर की रसोई में या फ्रीज में नींबू और मिर्च दोनों एक ही जगह रखे रहते हैं उस घर में कभी शांति नहीं रहती यह सास बहू के बीच में या ननद भाभी के बीच या भाईयो क्लेश ही रहता है कभी इसलिए घर की रसोई में यहां फ्रीज में नींबू और मिर्ची को एक साथ कभी नहीं रखना चाहिए।
नींबू और मिर्च दरिद्रता देवी को पसंद है और जानने और मिर्च साथ रहते हैं वह दरिद्रता देवी प्रवेश कर जाती है
इसलिए हमेशा नींबू और मिर्च को घर के दरवाजे के बाहर ही टांगा जाता हैं।
हिंदू धर्म में वर्णित है कि शाम के 4:00 बजे से लेकर 7:00 बजे तक शिव जी का धरती पर भ्रमण का समय बताया गया है वहीं शाम के 7:00 बजे से लेकर 9:00 बजे तक लक्ष्मी देवी तथा दरिद्रता देवी के भ्रमण का समय बताया गया है। और यह दोनों भ्रमण पर जाते समय अपने मन यह विचार रखकर जाती है कि आज हमें किस घर में प्रवेश करना है और जहां पर स्वच्छता हो घर के दरवाजे पर रंगोली हो द्वार पर जल छिंटा गया हो उस घर में लक्ष्मी प्रवेश कर जाती है और जिस घर में लक्ष्मी प्रवेश कर जाती है उस घर में दरिद्रता कभी प्रवेश नहीं करती है।
कभी एक ही थैले में दूध और दही साथ में नहीं लाना चाहिए ?
व्यक्ति एक ही थैले में दूध और दही को लाते हैं उसके घर में कभी शांति नहीं रहती है और उसके घर में कभी भी संपदा नहीं टिकती है इसलिए कभी भी दूध और दही को एक ही छेदा में एक साथ नहीं लाना चाहिए।
बेटी की विदाई में चार चीजें कभी नहीं देनी चाहिए ?
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार बेटी की विदाई के समय में कभी भी ये चार चीजें दान में नहीं देनी चाहिए
- पहली – झाडू
- दूसरी – सुई
- तीसरी – चलनी
- चौथी – आचार की बरनी
जो मां यहां जो पिता अपनी बेटी की विदाई के समय ये चार चीजें बेटी को दान में देते हैं वो बेटी कभी तन मन और धन से सुखी नहीं रहती है। इसलिए बेटी के विदाई के समय यह चार चीजें कभी नहीं देनी चाहिए।
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Jai shree mahakal pandit ji
Panditji hum dono me jhagda rhta hai
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जय श्री महाकाल श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभयम श्री शिवाय नमस्तुभ्यं श्री शिवाय नमस्तुभयम
Mera bete ke liye aapke bataye anusar lal chandan v shahed arpit kerti hu pashupati vrat bhi kiya hai Bete ki galat sangat chuadane ka koe upay bataye Guruji mera ek hi beta hai aapki badi kripa hogi
Kya rudrakh ka poudha ghar me laga sakte hai
Pandit ji shrab chutane ke liye kuch btaiye esa jisse shrab chut jaye