
18 अप्रैल को गुरु जी ने आखिर क्यों कहा कि मेरा ऐसा एक्सीडेंट रोज होना चाहिए :-
15 अप्रैल को लगभग सुबह साढ़े 08:00 बजे हमारे गुरुजी पंडित प्रदीप मिश्रा जी की गाड़ी का एक्सिडेंट हो गया। गाड़ी पुरी तरह पलट गई। आज की कथा में गुरु जी ने कहा की गाड़ी की दशा इतनी खतरनाक थी, देखने के बाद कोई भी यह नहीं कहता कि इसमें बैठा कोन बचा होगा, गुरु जी ने कहा शिव की कृपा के बगैर ऐसा हो ही नहीं सकता है, 8.30 बजे सुबह दुर्घटना हुआ हो और 1 बजे शिवमहापुराण कथा चल रही हो …. यह शिव ही कर सकता है
गुरु जी ने इसके बाद कहा जब गाड़ी गिर रही थी, और पहाड़ पर लुडक रही थी उस थोडे से समय के लिए ऐसा लग रहा था कि पास में कोई भस्म रमाकर, त्रिपुंड खिचकर, नैनो में सुरमा लगाकर हंस रहा हो , पर कौन हंस रहा था, इसका ध्यान नहीं है, बस इतना मिलन जरुर हुआ
इसके बाद गुरु जी ने कहा अगर मेरा बाबा ऐसे ही मुझे संभलने के लिए बैठा हो तो ये मिश्रा बार बार गिरने को तेयार है… वो संभलते रहे बस
गुरु जी का शिव के साथ हुआ यह अनुभव रोमांचित करने वाला है, आपको भी जानकारी उपयोगी लगी तो कमेंट बॉक्स में श्री शिवाय नमः स्तुभ्यम या हर हर महादेव टाइप करना ना भूले…
( नोट – यह जानकारी पंडित प्रदीप जी मिश्रा जी द्वारा 18 अप्रैल को , हर की पौड़ी शिवपुराण कथा के दौरान बताया गया था )
