
12 मई एकादशी की रात सोने से पहले नाभि पर लगा ले 1 चीज किस्मत खुल जायेगी – पंडित प्रदीप जी मिश्रा
12 मई एकादशी की रात सोने से पहले नाभि पर लगा ले 1 चीज किस्मत खुल जायेगी – पंडित प्रदीप जी मिश्रा
श्री शिवाय नमः स्तुभ्यम, हर हर महादेव कैसे हैं आप सब ….आज वैशाख का पवित्र महीना गुरुवार का दिन और एकादशी का दिन यह तीनों भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं और इन तीनों का शुभ संयोग आज के दिन 12 मई मोहिनी एकादशी पर हुआ है तो इसीलिए आज का जो दिन बहुत ही दुर्लभ है केवल आपको आपकी नाभि पर एक ऐसी चीज लगानी है जिससे आपका सोया हुआ भाग्य चमक जाएगा आपके जीवन में जो भी दुर्भाग्य होगा वह सब दूर हो जाएगा पूज्य गुरुदेव की कथा सुनकर के समझाने का प्रयास कर रहा हूं। बहुत ही आसान सा उपाय होने वाला है यदि आपने आज के दिन कोई भी उपाय नहीं किया है तो कम से कम रात्रि में सोने से पहले इस उपाय को जरूर करे।
गुरुवार और एकादशी बहुत ही शुभ योग होता है क्योंकि दोनों ही तिथि और वार भगवान विष्णु को समर्पित होता है करना क्या है आज रात्रि में जब आप सोने जाएंगे उसके पहले आपको एक कटोरी में थोड़ी सी हल्दी लेना है यदि गंगाजल हो तो गंगाजल उस हल्दी में मिला दे गंगाजल नहीं है तो शुद्ध जल भी आप मिला सकते हैं अब आपको क्या करना है आप के सीधे हाथ की तर्जनी उंगली है अर्थात जो अंगूठा है अंगूठे के पास में जो उंगली है उस उंगली पर यह हल्दी लगाना है और उसके बाद और उसके बाद आपको आपकी नाभि पर इस उंगली को लगाना है और “ओम नमो भगवते वासुदेवाय” का जाप करना है। , नाभी हमारे शरीर का ऊर्जा का केंद्र होता है बहुत सारी शक्तियां जो नाभि की मदद से संचालित होते है तो यदि हम हल्दी मिश्रित जल गुरुवार की रात्रि में एकादशी के दिन यदि हम हमारी नाभि पर लगाते हैं तो भगवान विष्णु की असीम कृपा मिलती है क्योंकि जो हल्दी होती है वह भी भगवान विष्णु को प्रिय हैं उनकी कृपा मिलती है , अगर नारायण की कृपा मिलती है तो लक्ष्मी की कृपा तो यूं ही मिल जाती है , “ओम नमो भगवते वासुदेवाय ” का जाप करें साथ ही साथ 11 बार “ओम महालक्ष्मी नमः” इस मंत्र का जाप करें बहुत ही अचूक उपाय है यह आपके शरीर में ऊर्जा का एक केंद्र बनाएगा जिससे आपकी सारी नकारात्मक शक्तिया दूर हो जाएगी ध्यान रखें यह जो उपाय है यह घर का हर एक व्यक्ति कर सकता है क्योंकि बहुत ही सरल है। तो आज के बहुत शुभ दिन में कम से कम यह उपाय तो आपको जरुर करना है ।।।श्री शिवाय नमस्तुभयम हर हर महादेव।।।
